विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. सीपी जोशी का सदन में व्यवस्था सुधार के लिए प्रोफेसर अवतार, 13 माह में संयम का पाठ पढ़ाया


जयपुर (डूंगर सिंह राजपुराेहित). विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. सीपी जोशी पिछले 13 माह के अपने कार्यकाल में व्यवस्था सुधार से ज्यादा मंत्रियों और विधायकों के साथ भरे सदन में डांट-फटकार और टकराव के कारण एंग्री स्पीकर की भूमिका में नजर आए। उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट से लेकर नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया से लेकर उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठाैड़ और सरकार के मंत्रियाें तक काे जबरन बिठाने के लिए एंग्रीमैन की भाषा में बात की या भिड़ गए।


पिछली जुलाई में तो उन्होंने उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को प्रश्नकाल में मूल प्रश्न के बाद पूरक प्रश्न पूछने पर धमका कर बिठा दिया। टकराव इतना बढ़ा कि 5 दिन बीजेपी का वॉक आउट चला। इसके बाद भी विपक्ष का असंतोष कम नहीं हुआ। फिर दो दिन काली पट्टी बांध विरोध और मौन रहकर सदन में बैठे, लेकिन प्रश्नकाल में एक भी सवाल नहीं पूछा। डाॅ. सीपी जोशी पिछली 15 जनवरी को विधानसभा अध्यक्ष बने थे। बता दें कि डॉ. सीपी जोशी पेशे से प्रोफेसर हैं और सियासत में भी अनुशासन चाहते रहे हैं। वे अपनी बेबाक टिप्पणी के लिए चर्चित रहे हैं। 


अपनी ही पार्टी के मंत्रियों के प्रश्न तक स्थगित कर दिए



  • राजस्व मंत्री का प्रश्न ही स्थगित किया; 11 फरवरी 19 :  राजस्व मंत्री हरीश चौधरी को कहा- सीधे सवाल का सीधा जवाब दो। तैयारी के साथ नहीं आए हो... मैं प्रश्न ही स्थगित करता हूं। बीजेपी के मदन दिलावर ने कृषि भूमियों पर अतिक्रमणों की सूची मांगी थी, जिसके जवाब के दौरान मंत्री पर गाज गिर गई। 

  • संसदीय मंत्री की असंसदीय टिप्पणी हटाई; 9 जुलाई 19: एमएसएमई बिल पर बहस के दौरान संसदीय मंत्री शांति धारीवाल ने टिप्पणी कर दी। हंगामा मच गया। विपक्ष को शांत करने के लिए सीपी बोले कि संसदीय मंत्री की असंसदीय टिप्पणी हटा देंगे। 

  • धारीवाल से टकराव; 16 जुलाई 19: संसदीय मंत्री धारीवाल को कहा- मैं रूलिंग दे रहा हूं आप मंत्री के नाते कार्रवाई की घोषणा करो। असल में आबूरोड में वार्ड परिसीमन के सवाल पर जांच रिपोर्ट मांगी तो धारीवाल ने कहा कि एडीएम से जांच करवाई है। गड़बड़ी हुई है, रिपोर्ट नहीं आई। इस पर सीपी धारीवाल से टकरा गए। 

  • जल मंत्री की नीति को ही गलत बताया; 18 जुलाई 19:  डाॅ. बीडी कल्ला से कहा- नीति गलत है बदलो, अफसरों को लताड़ा- ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल योजना की नीति पर कल्ला जवाब दे रहे थे कि सीपी बोले- यह नीति ही बेकार है। इससे नई योजना से जुड़ने पर दो तिहाई आबादी को पानी ही नहीं मिलता। नई बनवाओ।

  • श्रममंत्री से बोले- तैयारी करके आओ फिर चर्चा करवाऊंगा; 2 अगस्त 19: श्रममंत्री टीकाराम जूली को बोले... सरकार का व्यू ठीक नहीं। तैयारी करके आओ। इस पर फिर से चर्चा करवाऊंगा। शून्यकाल में मदन दिलावर ने श्रम कानूनों के उल्लंघन को लेकर चर्चा छेड़ी तो मंत्री जवाब दे रहे थे। सीपी को गुस्सा आ गया।

  • मंत्रियों के कक्षों पर ताले लगा दूंगा; 13 फरवरी 20: मंत्रियों के कक्षों के ताले लगा दूंगा। सदन में मंत्रियों के पास बार-बार विधायकों के आकर बैठने पर सीपी नाराज हो गए। बोले- अपनी चेयर पर बैठे नहीं तो मैं मंत्रियों के कक्षों के ताले लगवा दूंगा। मिलने की जगह मंत्रियों के कक्ष हैं।


प्रतिपक्ष पर भी तल्ख



  • बेनीवाल को बोले- बर्दाश्त नहीं; 17 जनवरी 19: आरएलपी के तत्कालीन विधायक हनुमान बेनीवाल के राज्यपाल पर बिगड़े बोल पर कहा- ऐसा आचरण बर्दाश्त नहीं करूंगा। 

  • मत विभाजन को मना किया; 

  • 9 जुलाई 19: नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने एमएसएमई बिल पर बहस के दौरान कांग्रेस के एमएलए कम होने पर मत विभाजन की मांग की। अध्यक्ष बोले- मत विभाजन नहीं होगा। 

  • विपक्ष का मौन; 16 जुलाई 19: प्रश्नकाल में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने बजरी की खुली नीलामी का पूरक प्रश्न किया। अध्यक्ष जोशी ने नहीं पूछने दिया। हंगामा के बाद बीजेपी का वॉकआउट। विरोध 5 दिन चला।

  • सवाल नहीं पूछने तो मत पूछो; 19 जुलाई 19: पहली बार प्रश्नकाल एक घंटे की बजाय सिर्फ 29 मिनट चला। 16 बीजेपी एमएलए के नाम पुकारे गए। सदन में थे, मौन रहे। कुछ विधायक बोले- सवाल क्यों नहीं कर रहे? सीपी बोले- मत पूछने दो। 

  • प्रोसीडिंग सुनाई; 23 जुलाई 19: प्रश्नकाल में नई व्यवस्था के फैसला पर राठौड़ की सहमति के बावजूद टकराव हुआ? राठौड़ बोले- झूठ बोल रहे स्पीकर। उन्होंने प्रोसीडिंग सुना दी। 

  • 11 फरवरी 20: शंकरसिंह रावत ने दीपिका पादुकोण पर टिप्पणी की तो उन्हें चुप कराया। बीजेपी ने छपाक फिल्म पर वॉक आउट किया तो खुद प्रश्न पूछने लगे। 

  • 12 फरवरी 20: सदन में हंगामे के बाद आरोप-प्रत्यारोप पर सीपी बोले- मैं खुद कुर्सी से प्रताड़ित हूं।


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